आज का तरही मिसरा
'फूलों की तर्ह आपका किरदार ही नहीं'
रदीफ़ - ही नहीं
क़ाफ़िया - किरदार, अखबार, दीदार, सरका, बीमार ,लाचार, अनुसार ख़ूँख़ार, अम्बार, दस्तार आदि
निवेदन - इस मिसरे को मतले में न लें। अन्य किसी शेर में गिरह लगा सकते हैं।
बह्र है
मफऊल फाइलात मुफाईल फाइलुन
221 2121 1221 212
No comments:
Post a Comment