आधे अधूरे
इक गुमनाम सुबह
धड़कनों में बो कर इक अंकुर
लौट गईं तुम
पर बहाव कहाँ रुकता है
बांधकर नई - नई परिभाषा में
अनकही अनजानी भाषा में
पिरोता रहा अपनी धड़कनें
पर तुम न बाँच पाईं अर्थ
अनुवाद करते करते
गुम हो गए शब्द
No comments:
Post a Comment