आधे अधूरे
इक गुमनाम सुबह
धड़कनों में बो कर इक अंकुर
लौट गईं तुम
पर बहाव कहाँ रुकता है
बांधकर नई - नई परिभाषा में
अनकही अनजानी भाषा में
पिरोता रहा अपनी धड़कनें
पर तुम न बाँच पाईं अर्थ
अनुवाद करते करते
गुम हो गए शब्द
चूड़ियों की मधुर झंकार का
संगीत भी बीत गया
अकेला दर्द भी रीत गया
कही भी दूर दूर तक
कोई शोर नहीं गूँजता
कौन डस गया
झरने की मीठी कल कल ?
प्राण गलते रहे जल जल
कोई भी लहर
वापिस नहीं आई किनारे से
और हम आधे अधूरे से
जोड़ते रहे बालू पर
घरौंदे टूटे हुए।
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