Saturday, July 12, 2025

शहर और जंगल - आधे अधूरे

 आधे अधूरे 


इक गुमनाम सुबह 

धड़कनों में बो कर इक अंकुर 

लौट गईं तुम 

पर बहाव कहाँ रुकता है 

बांधकर नई - नई परिभाषा में 

अनकही अनजानी भाषा में 

पिरोता रहा अपनी धड़कनें 

पर तुम न बाँच पाईं अर्थ 

अनुवाद करते करते 

गुम हो गए शब्द  

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