ख़ून
ख़ून का कोई नाम नहीं होता
ख़ून की कोई ज़ात नहीं होती
ख़ून का कोई मज़हब नहीं होता
उसका रगों में
या रगों के बाहर
बहने का भी
कोई अर्थ नहीं होता
ख़ून तो
बस वो ही एक क़तरा होगा
सीमा पर तैनात सिपाही के
सीने से जो टपका होगा।
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