महानायक
गीत बनो तुम हर लब का
दीप बनो तुम हर शब का
धड़कन तुम लाखो दिल की
रौनक तुम हर महफ़िल की
सदी के महानायक हो तुम
भारत के जननायक हो तुम
मृत्यु की धुन पर जीवन गीत
गाना कोई तुमसे सीखे
अब अंगारों पे नंगे पाँव
चलना कोई तुमसे सीखे
इस सदी के महानायक हो तुम
इस विश्व के जननायक हो तुम
कवि - इन्दुकांत आंगिरस
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