Wednesday, February 15, 2023

मुखबरी कविता - नितीश चालीसा

 


 

हे तुलसीदास

हे हनुमान जी

 

अब तुम्हारे भक्तों ने

हुनुमान चालीसा की

पैरोडी बना दी है

तुमने कभी ख्वाब में भी

 नहीं सोचा होगा कि

एक दिन तुम्हारे द्वारा रचित

हनुमान चालीसा की

पैरोडी

नितीश चालीसा

और

लाल चालीसा

के रूप में तुम्हारे सामने

बेहिचक परोस दी जाएगी

हे तुलसीदास

मुझे डर है कि

एक दिन तुम्हारी

रामचरितमानस की

पैरोडी भी

रच दी जाएगी

और

उसपर

बिहार सरकार की

मोहर लगा दी जाएगी




कवि - इन्दुकांत आंगिरस 

 

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