Sunday, October 27, 2024

Ghazal - Lesson - 2 , RAV

Ghazal - Lesson - 2


 अगर किसी की मत्रा गिरा दी जाये अर्थात 2 मात्रा की जगह 1 कर दी जाये तब वह सदा उसकी गणना 1 स्वतन्त्र रूप से की जायेगी। उसके पहले यदि 1 मात्रा वाला अक्षर है तो यहाँ 1+1=2 नहीं होगा । 1,1 ही गिना जायेगा।

जैसे - दिले  नादां मे यदि ले की मात्रा गिराकर 2 की जगह 1 कर दिया जाये तो दिले की मात्रा गणना  दि =1,ले=1 होगी मतलब दिले की मात्रा 1,1 होगी न कि 1+1=2

 कोई की मात्रा 2,2 है मगर को और ई की मात्रा गिराकर यदि कुइ पढ़ा जाये तो इसकी मात्रा 1,1 होगी न कि 2

हंस, कंस, दंश, अंश आदि में आधा न है मतलब हन्स, कन्स , दन्स ,अन्स जैसा पढ़ा जाता है । हमें मालूम है आधा अक्षर अपने पूर्ववर्ती सिंगल मात्रा को डबल करता है। इसलिए हंस की मात्रा

हं की मात्रा 2 और स की 1 कुल 21 मात्रा होगी इसी प्रकार 

कंस 21, दंश 21 अंश 21, मंद 21 छंद 21 आदि समझें। अब आगे देखते हैं-

हँस  में आधा न का बोध नहीं होता है।मतलब इसमें आधा न नहीं जुड़ा है इसलिए

हँस की मात्रा 2 होगी

डँस 2

फँस 2 

आप हंस और हँस में फर्क 

        डंस और डँस में फर्क 

        फंस और फँस में फर्क

 बोलने पर महसूस कर सकते हैं।संयुक्त अक्षर क्ष, त्र, ज्ञ की मात्रा गणना का नियम

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क्ष अक्षर दो वर्ण से मिलकर बना है क् और छ इसी प्रकार त्र अक्षर त और र से तथा ज्ञ अक्षर ग् और य से इसलिए इन्हें संयुक्त वर्ण कहते हैं । इनकी मात्रा गणना निम्न प्रकार करते हैं।

1. ऐसे शब्द जिनकी शुरुआत क्ष, त्र  और ज्ञ  से करते हैं उनकी  मात्रा 1 मानी जाती है 

जैसे क्षमा  क्ष 1 मा2 कुल Crafts 12

त्रि शूल  त्रि1 शू2 ल1 कुल 121

इसी प्रकार ज्ञ को समझें


2. यदि ये अक्षर शब्द के बीच में आते हैं तब अपने पूर्ववर्ती एक मात्रिक अक्षर की मात्रा को दुगना कर देते हैंऔर स्वयं की मात्रा 1 को कायम रखते हैं। जैसे

  कक्ष 21

  पत्र 21

  यज्ञ 21

अल्पज्ञ 221

पक्ष 21

क्षत्र 21

सत्र 21

अक्ष 21

भक्ष 21

यत्र 21

तत्र 21

सर्वत्र 221

आदि

3. यदि संयुक्त अक्षर के पहले द्वि मात्रिक अक्षर है तो द्वि मात्रिक में कोई बदलाव नहीं होगा और संयुक्त अक्षर की मात्रा 1 रहेगी जैसे

 पात्र 21(पा2 त्र1)

क्षात्र  21 (क्षा 2 त्र1)

याज्ञिक 22 (या2 ज्ञिक् 2)

पाक्षिक 22 (पा 2 क्षिक् 2)

संज्ञा   22

4. यदि संयुक्त अक्षर दीर्घ मात्रिक है मतलब द्वि मात्रिक और उसका पूर्ववर्ती अक्षर एक मात्रिक तब वह संयुक्त अक्षर पूर्ववर्ती अक्षर की मात्रा को 1 से 2 कर देगा मतलब दुगना कर देगा और स्वयं भी द्वि मत्रिक रहेगा। जैसे

कक्षा यहां क की मात्रा को 1 से 2 करेगा और क्षा की मात्रा 2 रहेगी

इस प्रकार 

कक्षा 22

शिक्षा 22

पत्रा 22

चित्रा  22

प्रज्ञा 22

मित्रा  22

बत्रा  22

आदि: प्र , क्र ,पृ,कृ ,तृ  आदि से शुरू होने वाले शब्द में इनकी मात्रा 1 मानीजाती है

  जैसे

प्रगति 12 ( प्र 1  गति 2)

कृषक  1 2 आदि

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