Monday, October 28, 2024

इलाहाबाद

 असर ये तेरे अन्फ़ास-ए-मसीहाई का है 'अकबर'

इलाहाबाद से लंगड़ा चला लाहौर तक पहुँचा

- अकबर इलाहाबादी


कुछ इलाहाबाद में सामाँ नहीं बहबूद के याँ धरा क्या है ब-जुज़ अकबर के और अमरूद के - अकबर इलाहाबादी


या इलाहाबाद में रहिए जहाँ संगम भी हो 

या बनारस में जहाँ हर घाट पर सैलाब है 

-क़मर जमील


तीन त्रिबेनी हैं दो आँखें मिरी 

अब इलाहाबाद भी पंजाब है

-इमाम बख़्श नासिख़ 


सद्र-आरा तो जहाँ हो सद्र है

आगरा क्या और इलाहाबाद क्या

- इस्माइल मेरठी

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