Monday, October 28, 2024

लाहौर

असर ये तेरे अन्फ़ास-ए-मसीहाई का है 'अकबर'

इलाहाबाद से लंगड़ा चला लाहौर तक पहुँचा

- अकबर इलाहाबादी


ला-मकाँ है वास्ते उन की मक़ाम-ए-बूद-ओ-बाश 

गो ब-ज़ाहिर कहने को कलकत्ता और लाहौर है 

-शाह आसिम


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