Thursday, December 22, 2022

लघुकथा - ऑक्सीजन

 


 ऑक्सीजन




एक जंगल ने दूसरे जंगल से कहा :


- "अरे , तुम अभी तक ज़िंदा हो , तुम्हारे पेड़ों का  टेंडर तो पिछले महीने ही खुल गया था। "

- "टेंडर तो खुल गया था , लेकिन पेड़ों को काटने अभी तक कोई नहीं आया।  लगता है टेंडर कैंसिल हो गया है। " 

-" टेंडर खुलने  के  बाद कैंसिल , लगता है कोई नया घोटाला है।" 

-" नहीं , घोटाला कोई नहीं , सुनने में आया है कि मृत्यु लोक में ऑक्सीजन की भारी कमी हो गयी है , इसीलिए  फ़िलहाल पेड़ नहीं कटेंगे।" 

-" चलो , मनुष्य को कुछ तो सद्बुद्धि आई।" 

- "हाँ  भाई ,  इस मृत्यु लोक में ऑक्सीजन सप्लाई करने के लिए हमें कुछ और साल जीवित रहना होगा।"  

-" यह तो बहुत अच्छी ख़बर है ।  आओ , मिलकर ज़िंदगी का गीत गातें हैं। " 


उनकी बाते सुन कर दिल ख़ुश हुआ और  तभी झूमते पेड़ों को छू कर ताज़ा हवा का झोंका मेरी आत्मा में पसर गया। 



लेखक - इन्दुकांत  आंगिरस 

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