Saturday, December 5, 2020

हंगेरियन कविता - A mi nyelvünk का हिन्दी अनुवाद

Kazinczy Ferenc ने   १९वी शताब्दी के आरम्भ में हंगेरियन भाषा और हंगेरियन साहित्य के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके अथक प्रयासों से ही १८४४ में हंगेरियन भाषा हंगरी राष्ट्र की राष्ट्र भाषा बनी। Kazinczy  Ferenc कवि के साथ साथ लेखक और अनुवादक भी थे। हंगेरियन भाषा से सम्बंधित उनकी  कविता  A mi nyelvünk का  हिन्दी अनुवाद पढ़ें -


A mi nyelvünk - हमारी भाषा  


 सुन्दर  ग्रीक   के लिए ईश्वरयी विपदा ,  रोमन विराटता 

फ़्रांसिसी लालित्य ,जर्मन जोश औ हेस्पारियन गरमाहट 

तुम सबको मेरी सुन्दर भाषा से ईर्ष्या है 

और तुम्हें  उससे कोई ईर्ष्या नहीं होती ? 

होमर और विर्जिल की भाषा 

ग़र यूरोप के दूसरे इलाकों में मिले तो ,

बेहतरीन  ईश्वरयी बाँसुरी पाषाण हो गयी क्या ? 

वह चरमराहट नहीं गर्जन है , ज़रूरत पड़ने पर दौड़ती है 

जैसे कि आदमी अपने लक्ष्य की ओर

राह में टूटती नहीं , अपितु दौड़ते-कूदते , फ़िसलते हुए 

पसरती है गर्माते स्तनों पर 

आह भरने को अधरों पर ठहरा गहरा  दुःख 

और सुनो ! पोलिश और इतालवियों 

तुमसे बेहतर कराहता है हमारा प्रेम 

ज़ंजीरें खनखनाती हैं , सिरहाने खड़ा है वक़्त 

ओर हम खड़ें हैं तुम सबके बीच। 



कवि -  Kazinczy Ferenc (1759-1831)


अनुवादक -इन्दुकांत आंगिरस


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