Sunday, December 6, 2020

Elefánt -हाथी


 

पक्षियों और जानवरों पर कवि और लेखक सदा से  ही लिखते  आयें हैं। प्रकृति के तिल्सिम से बेपरवाह रहना मुमकिन भी कब था। हाथी सम्पूर्ण विश्व में एक लोकप्रिय जानवर रहा  है जोकि सभी को आकर्षित करता है और विशेष रूप से बच्चों को। विश्व साहित्य में हाथी  के ऊपर अनेक रचनाएँ मिल जाएँगी।  आइए आज पढ़ते हैं हाथी पर लिखी एक हंगेरियन कविता  का हिन्दी अनुवाद-  



Elefánt -हाथी 


अंधड़ ले उड़ा खजूर का पेड़ 

और साथ साथ जंगली झाड़ 


विशालकाय शरीर पर 

भारी - भरकम चमड़ी पर 

गिरते रहे बड़े ठूँठ धड़धड़ाते 

उद्दाम नदियाँ उफ़नती उसके आगे 

आकाश की ओर सूँड उठा  बिगुल बजाता 

इसीलिए था हाथी जीता  


उसके बाद आयें ज़हरीले मच्छर 

और डंक मारने वाले कीड़ें 

उतरते रहें पेट पर उसके रोज़ 


खुजली से पतवारी कान फड़फड़ा कर रह गये

थक हार कर दलदल में टेक दिए उसने घुटने 

गहराई में धँसे अपने दाँत और मछलियों को 

देखता था मुहँ फाड़ 


अंततः ज़हरीले मच्छर और डंक मारने वाले कीड़ें 

मेरे मृत शरीर को छोड़ जाते रहे हर रोज़ 

और एक बवंडर लिए निकल पड़े नए हाथी की तलाश में। 



कवि - Monoszlóy Dezső 

जन्म - 28 दिसंबर ' 1923 -Budapest

निधन - 1 मई ' 2012 -  Bécs


अनुवादक - इन्दुकांत आंगिरस 

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