Wednesday, December 23, 2020

कीर्तिशेष चंद्रकिरण राठी और उनकी किताबी दुनिया

 


                                                        कीर्तिशेष चंद्रकिरण राठी


मुझे ठीक से याद नहीं कि मेरी पहली मुलाक़ात चंद्रकिरण राठी से दिल्ली में कब और कहाँ   हुई लेकिन जब मैं अपनी हंगेरियन भाषा की अध्यापिका डॉ कौवेश मारगीत  के साथ लगभग तीन वर्ष पूर्व उनके ग्रेटर नॉएडा वाले घर  पर पहुँचा तो उन्होंने मुझसे कहा -" हम पहले भी कही मिल चुके हैं , शायद किसी साहित्यिक कार्यक्रम में " तो मुझे भी किसी धुँधली मुलाक़ात की याद आ गयी। श्री गिरधर राठी से तो हंगेरियन अनुवाद के सिलसिले में पहले भी मुलाक़ाते हो चुकी थी। 

हम लोग हंगेरियन कवि - साहित्यकार , अरान्य यानोश की कविताओं के हिन्दी अनुवाद पर श्री गिरधर राठी से उनकी विशेष राय जानने  के लिए गए थे।  इस सिलसिले में हमे दो दिन उनके घर जाना पड़ा। दोनों दिन हमे चन्द्रकिरण राठी का  स्नेह एवं प्रेम प्राप्त हुआ। उन्होंने बड़ी आत्मीयता से हमारा यथोचित सम्मान किया और उनके घर पर खाई  मक्के की रोटी और सरसो का साग आज भी याद है। 

 चंद्रकिरण राठी एक लेखिका के साथ साथ अच्छी अनुवादक भी थी।इन्होने बांग्ला और अँग्रेज़ी भाषा से उल्लेखनीय अनुवाद कार्य किया है।  केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो में वरिष्ठ अनुवादक के रूप में कार्य किया ,बी बी सी से भी जुडी रही और अनेक व्यस्क विदेशियों को हिन्दी सिखाई। किताबों से उन्हें विशेष प्रेम था।  उनका मानना था कि किताबे पढ़ कर ही एक आदमी , इंसान बन सकता है। पुस्तकों के प्रचार-प्रसार में उन्होंने अपनी ज़िंदगी का एक लम्बा अरसा गुज़ारा। ग़रीब बच्चों को  पुस्तकें उपलब्ध कराने में उन्हें विशेष ख़ुशी मिलती थी।  ग्रेटर नॉएडा के M S X  मॉल में " पोथी वितरण केंद्र " से पुस्तकों का प्रचार -प्रसार एवं बिक्री। मुझे याद है कि उन्होंने हमसे उस पुस्तक केंद्र को देखने की बात कहीं  थी लेकिन समय अभाव   के कारण हम लोग उस दिन वहाँ नहीं जा पाए थे। 


हिन्दी साहित्य संसार ,कीर्तिशेष चंद्रकिरण राठी के साहित्यिक सहयोग को कभी भुला नहीं पायेगा । जिस साहित्यकार ने अपनी पूरी ज़िंदगी पुस्तकों के प्रचार में बिता दी हो ,आइये  उनके द्वारा रचित बेशक़ीमती किताबों से भी परिचित हो जाएँ  । 



प्रकाशित पुस्तकें -

1. बांग्ला एवं अंग्रेजी से अनु: उड़न छू गाँव (हंगारी कहानियाँ, राजकमल ,  फिर वाग्देवी से प्र.), 
2. रवीन्द्र नाथ निबंध तीसरा खंड, 
3. और ताराशंकर बन्दोपाध्याय मोनोग्राफ(साहित्य अकादेमी),
4 & 5. नवनीता देवसेन की दो किताबें( वाग्देवी ,बीकानेर), 
6. डा कर्ण सिंह की हिंदू धर्म पर, बिना अनु. नाम, (भारतीय ज्ञानपीठ )
7. सत्यजित राय की कहानियाँ . जहाँगीर की स्वर्ण मुद्रा(राजकमल ),। 
8. ऋत्विक घटक की कहानियाँ . ,संभावना हापुड़ से प्रकाशनाधीन।  
9. पुस्तिकाएँ राज. प्रौढ़ शिक्षा सं. से शतरंज पर,
10. सुकुमार  राय की बाल कथा - जतीन का जूता(ईशान/राजकमल ).



जन्म -   29th February ,   1944
निधन - 17th December ,  2020



NOTE - उनके सुपुत्र श्री विशाख राठी को उनके सहयोग के लिए शुक्रिया। 

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