Friday, July 24, 2020

रौशनी - Šviesa ( Translation of Lithuanian poem )



रौशनी  -  Šviesa


पहाड़ों और नदियों के
उस पार से
तुम्हारी हथेली पर उगती
नई सुब्ह
क्षितिज के दूसरी ओर से
उगती अद्भुत रौशनी ,
नीले आकाश में
उड़ते  पंछियों को मत देखो
मेरे द्वारा
स्वप्न फूल चुन लेने से
पहले ही
सूरज आ धमका
रात में खिलते
सूरज से डरो नहीं
परियों के पंखों पर
सवार हो कर उड़ जाओ
सुब्ह निकलने की
इन्तिज़ार मत करो
रात में चमकता सूरज
करता है तुम्हारा आलिंगन
ओर तुम
रौशनी के साथ मिलकर
गाते हो एक गीत।


कवियत्री -  Zita Vilutyte 

अनुवादक - इन्दुकांत आंगिरस 

No comments:

Post a Comment