Tuesday, July 28, 2020

कुत्ता और गधा - A kiskutya meg a szamár ( हंगेरियन लोक कथा का हिन्दी अनुवाद )

कुत्ता और गधा - A kiskutya meg a szamár


एक गधे को उस कुत्ते की आरमदेह ज़िंदगी से बहुत ईर्ष्या थी जिसे घर के सबसे अच्छे कमरे में बैठने और बढ़िया क़ुशनों पर पसरने की इजाज़त थी। सारे दिन घूमना ,कोई काम नहीं, फिर भी उसे हर किसी का प्यार और शाबाशी मिलती जबकि गधे को सिर्फ झिड़कियां और ताने।

एक दिन गधे ने कुत्ते से पूछा -' अमीर मालकिन तुम्हे इतना प्यार क्यों करती है ' ?

' क्योंकि में पूँछ हिलाना जानता हूँ और दोनों टाँगों पर खड़ा हो कर हुक़्म बजाना भी जानता हूँ '- कुत्ते ने जवाब दिया।

' अच्छा , यह तो कोई मुश्किल  काम नहीं , मैं भी कोशिश करूँगा '- गधे ने कहा।

एक दिन रसोईघर खुला देख कर गधा चुपके से उसमे घुस गया और अपनी दोनों टाँगों पर खड़ा हो गया। अपनी  पूँछ  और  टाँगों को ऐसे हिलाने लगा मानो अपनी मालकिन से हाथ मिलाना चाहता हो। गधे का यह रूप देखकर मालकिन डर गयी और क़ालीन झाड़ने वाले डंडे से उसको मार भगाया।

 बेचारा गधा आज तक यह सोच सोच कर अपना सिर धुनता है कि उस बात के लिए उसे क्यों पीटा गया था जिसके लिए कुत्ते को शाबाशी मिली थी।



अनुवादक : इन्दुकांत आंगिरस

3 comments:

  1. वाह-वाह।इसे कहते हैं,जिसका काम उसी को ठीक,दूसरा करे तो डंडा बाजे।बहुत सही।

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  2. बहुत सही ����

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  3. बहुत ही सुंदर रचना

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