कौन बनेगा रामभक्त
भारतीय मूल के अमेरिकन सेठ जी का साहित्यिक व्यवसाय जब अमेरिकन टैरिफ से थोड़ा सुस्ताया तो सेठ जी चिंता में डूब गए। हमेशा की तरह सेठानी ने नया रास्ता सुझाया , ' अब आप ये साझा संकलन छापना छोड़ो , ये कवि लोग कंगले हो गए है। कुछ नया शुरू करो। '
- ' तो फिर तुम्ही कुछ सुझाओ , नया क्या शुरू किया जाए ? ' सेठ जी ने उत्सुकता से पूछा।
- ' अरे , मोदी जी से कुछ सीखो , उन्होंने अयोध्या में करोड़ों रूपये का राम मंदिर बनवा दिया और आप यहाँ बैठे बैठे राम भजन में लगे हुए हो। राम भक्तों को लपेटों ' सेठानी ने ज्ञान बिखेरा।
- ' राम भक्तों को लपेटूँ , वो कैसे , कुछ समझा नहीं ' , सेठ जी ने उचकते हुए पूछा।
- ' कौन बनेगा करोड़पति ' की तर्ज पर एक नया कार्यक्रम शुरू करो ' कौन बनेगा रामभक्त ' रामभक्तों के लिए क्विज रखों , उन्हें पुरस्कार दो '
- ' पुरस्कार ..उसके लिए पैसे कहाँ से आएंगे ?
- ' पैसा भी रामभक्तो का ही होगा , अरे . एक . पुरस्कार सिर्फ ११००/ का होगा और रजिस्ट्रेशन सैकड़ों की तदाद में होंगे और रजिस्ट्रेशन के लिए हरेक भारतीय रामभक्त ११००/ देगा और विदेशी ..... '
- ' समझ गया ..समझ गया..हाँ विदेशी रामभक्त से कम से कम १०१ डॉलर तो लेने ही पड़ेंगे ' कहते हुए सेठ जी ने ज़ोर का ठहाका लगाया और जुट गए रामभक्तों को लपेटने में।
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