Polixena Tant
"मैंने प्यार किया था "- लकड़ी की जाली के पीछे से उसने अचानक कहा था , कभी किसी को पता नहीं लगा , उसको सपने में भी इसका अंदेशा नहीं था। वह एक मामूली आदमी था। इस से तुम सब कुछ समझ सकती हो ....
पागलपन , पीड़ा उन्माद और सुंदरता , पैसा लुटाने वाला , दीवाना , छैल - छबीला , नष्ट होती जाति , मृत्यु तक नृत्य करते नर्तक , मंच पर आदिम रौशनी में अभिनय करते , झूटी अभिनूतियाँ , बचकानी उद्दंडता और गर्वित स्मृतियाँ। मुझे याद है मेरा किशोर व्यक्तित्व इस नए संसार में अधिक उर्वर और कल्पनाशील हो गया था। मैं इस से भी पूरी तरह संतुष्ट नहीं थी। अधूरी जानकारी से अन्दाज़ा लगाते हुए मैंने समझा कि यह किसी व्यक्ति विशेष की सनक नहीं थी , यह अनुभव की तस्वीर का दूसरा पहलू था , कारण और विशवास , आम सच ,जीर्ण-शीर्ण हंगेरियन नियति की देवी अनान्के का अभिशाप। मैं कुछ इसी तरह की बाते सोचना चाहती थी लेकिन मैं उलझ कर रह गयी थी।
कवियत्री - Kaffka Margit
जन्म - 10th June ' 1880 , Nagykároly
निधन - 1s December ' 1918 , Budapest
अनुवादक - इन्दुकांत आंगिरस
उत्तम अनुवाद। पढ़ते हुए लगता ही नहीं कि हम अनूदित रचना पढ़ रहे हैं।
ReplyDeleteधन्यवाद , भूपेंद्र जी।
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