Sunday, October 30, 2022

ग़ज़ल - आप फूलों सा बिखरना सीखिए

 

आप फूलों सा   बिखरना  सीखिए 

खाक़ में मिल कर संवरना सीखिए 


आ गया ज़ीनों पे चढ़ना आपको 

अब ज़रा नीचे उतरना सीखिए 


इस से पहले आप भी कुंदन बनें 

आग से हो कर गुज़रना सीखिए 


ग़म भी मिलता है कहाँ सब को यहाँ

सारी ख़ुशियों  से उभारना  सीखिए 


आप तक भी जाम आएगा ' बशर '

दिल में साक़ी के उतरना सीखिए 


शाइर - बशर देहलवी


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