Sunday, December 7, 2025

लघुकथा - पंख होते तो उड़ आती रे.....

 पंख होते तो उड़ आती रे.....


इंडिगो एयरलाइनस की सैकड़ों फ्लाइट्स कैंसिल होने पर हज़ारों यात्रियों को मर्मान्तक पीड़ा से गुज़ारना पड़ रहा हैं ।  देश के लगभग सभी हवाईअड्डे  ISBT या रेलवे स्टेशन मैं तब्दील हो चुके हैं।  जब एक नव विवाहित जोड़े को ऑनलाइन रिसेप्शन में   शामिल होना पड़ा तो  हसरत जयपुरी का लिखा नग़मा " पंख होते तो उड़ आती रे , रसिया ओ बालमा ; तुझे दिल के दाग़ दिखलाती रे " ज़ेहन में ताज़ा हो गया। हवाई अड्डे पर अफरा तफरी के माहौल ओर शोर शराबे के बीच भी गीत की  अंतिम पंक्ति ने होंठो पर तबस्सुम की  एक लकीर तो खींच ही दी।
" तू तो अपना वादा भी भूला , इंडिगो , ओ ज़ालिमा !  "
हवाई अड्डों पर फंसे हुए यात्री अपने दिल के दाग़ पूरे संसार को दिखा रहें  हैं  लेकिन  इंडिगो ने अपनी आँखे मूँद  रखी हैं। पब्लिक समझ नहीं पा रही है कि इंडिगो बिल्ली है कि कबूतर ?

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