Friday, December 19, 2025

लघुकथा _ हिजाब

 हिजाब


घर से  अस्पताल  के लिए निकलती नई नई   डॉ साहिबा को उनके अब्बू ने मशवरा दिया "बेटी  !  अस्पताल  में कई तरह के बीमार आते हैं , उन्हें तरह तरह का इन्फेक्शन होता है , मॉस्क लगाकर ही मरीजों को देखना। "
डॉ साहिबा ने तपाक से जवाब दिया , " अरे  अब्बू    , मुझे मॉस्क की क्या ज़रूरत है ;मेरे पास  तो हिजाब है और फिर नक़ाब भी तो है , यानी डबल सेफ्टी ... "।
अब्बू   ने चैन की साँस ली और डॉ साहिबा हिजाब , नक़ाब और  बुर्क़ा  पहन कर अस्पताल के लिए निकल पड़ी।

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