Thursday, April 11, 2024

Yokoso ( स्वागत ) - अंग्रेजी कविता का हिंदी अनुवाद

 Yokoso ( स्वागत ) 


आओ प्रिय कवि !

तुम्हारा स्वागत है इस शहर में 

आकाल , सपनों और उन्मत्त निष्ठा के शहर में 

जहाँ भीड़ होती है  ठंडी , सुथरी और साफ़ 

फिर भी रहते हैं जीवित कटार और रिवाज़ के साथ 

जहाँ ज़हर बेलों की तरह बढ़ता है 

जहाँ कविता का सिक्का बिकता है 

शहर के बीचोबीच आओ 

जहाँ रंगीन पत्तियां दिखती हैं अजीब , 

नहीं तोड़ सकती स्वर्ग के नियम को 

बस मुस्कुराओ , अपनी  साँसों  में भरना  कैसी भी गंध को 

जानते हैं वो , इसे  सदमा या नाटक मत  कहना 

जड़ें स्थिर हैं , वो सीख जाती हैं बहना 

आओ प्रिय कवि !

मेरे शहर में तुम्हारा स्वागत है 

जहाँ ज़िंदगी ख़ूबसूरत है और रौशनी से दूटे हुए साये भी 

लगते हैं दिलकश 

आओ , इनकी ख़ुशियों  का आलिंगन कर लो यही ,

डरा सकती हैं रातों की तहरीरे लेकिन पत्थर , काग़ज़ और कैंची 

कुछ खिलोने तो नहीं ?

सच्चाई के विसर्जन पर कुछ  शब्द लिखो ऐसे 

कि  कविता मीरा को भी रुला दे।


कवियत्री - Suhina  Biswas Majumdar 


अनुवादक - इन्दुकांत आंगिरस 




No comments:

Post a Comment