Thursday, October 28, 2021

पुस्तक परिचय - Faith & Toil

 






शिक्षा किसी भी समाज और राष्ट्र के निर्माण में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।  यह तो सर्वविदित है कि अशिक्षित होना एक अभिशाप है। भारत में गुरुकुलों का इतिहास बहुत पुराना है जहाँ  रह कर विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते रहें हैं।  बाद में धीरे धीरे विद्यालय और विश्वविद्यालय  खुलने लगे , आज तो सरकारी विद्यालयों के साथ साथ ग़ैर- सरकारी विद्यालयों की भरमार हैं ।  भारत में , विशेषरूप से बैंगलोर में St. Joseph  High School का  योगदान सराहनीय है।  आज जिस दुर्लभ पुस्तक का परिचय देने जा रहा हूँ उसका शीर्षक है - Faith & Toil - The History of St. Joseph's Boys' High School Bangalore और इसके लेखक है - Christopher Rego.

        इस पुस्तक का प्रकाशन  St. Joseph's Boys' High School , Bangalore  के 150 वर्ष ( 1858 -2008 ) पूरे होने के अवसर पर  किया गया।  शायद बहुत कम  लोगो को इसकी जानकारी होगी कि  लगभग 80 वर्षों तक इसका संचालन MEP ( Mission Errangéres de Paris ) करती रही लेकिन बाद में 1937 में इसकी बागडोर Jesuit Fathers   को दे दी  गयी। St. Joseph's Boys' High School की स्थापना 1858 में Mgr. Charbonnaux  द्वारा की गयी थी  इस पुस्तक में सिर्फ 150 वर्षों का ही नहीं अपितु 1858 से 300 वर्ष पूर्व तक का इतिहास भी दर्ज़ है।  यह पुस्तक St. Joseph से जुड़े हुए  लोगो के लिए तो तो महत्त्वपूर्ण है ही , इतिहासकारों के लिए भी किसी ख़ज़ाने से कम नहीं। पुस्तक पर कोई मूल्य नहीं है इसलिए यह अमूल्य है। पुस्तक की कितनी प्रतियाँ प्रिंट हुई इसका  मुझे अंदाज़ा नहीं लेकिन इसमें कोई दो राह नहीं कि यह एक दुर्लभ पुस्तक है। 










पुस्तक का नाम - Faith & Toil - The History of St. Joseph's Boys' High School Bangalore 


Writer  -  Christopher Rego

Language - English

Publisher  - Stark World Publishig Pvt.Ltd ( On behalf of " The old Boys' Association of  St. Joseph's Boys' High School )

Publication Year  - First Edition - August , 2008

Copyright  -  Writer ( Not mentioned in Book )

Language - English

Pages  - 354

Price - Not mentioned 

Binding - Hardbound 

Printed in India

Size - 7.4 " x  10.6 "


ISBN - 978 -81-906936-2-2


Book contains many rare  B&W photographs and Introduction by Author.


प्रस्तुति - इन्दुकांत आंगिरस 



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