मुझे पुस्तकों से प्रेम है और आप में से भी अनेक लोग पुस्तक प्रेमी होंगे। इसमें कोई दो राह नहीं है कि व्ट्सप और फेसबुक के इस दौर में पुस्तक प्रेमियों की संख्या में भारी कमी आई है लेकिन पुस्तकों का जादू अभी खत्म नहीं हुआ है। हर पुस्तक का अपना वजूद होता है , उसके पीछे एक कहानी होती है। मुझे जब भी कोई दुर्लभ पुस्तक मिलती है तो आप सभी के साथ साझा करने का मन करता है। वैसे तो शायद आप सभी जानते होंगे कि किस पुस्तक को हम दुर्लभ कह सकते है लेकिन फिर भी सभी की जानकारी के लिए बता दूँ कि सामन्यतः वो कौन सी विशेषताएँ होती है जो एक पुस्तक को दुर्लभ बनाती है।
दुर्लभ पुस्तक की विशेषताएँ :
1 किस भी पुस्तक का 100 वर्ष पुराना होना।
2 किसी भी पुस्तक का प्रथम संस्करण।
3 किस भी पुस्तक पर उसके लेखक के हस्ताक्षर।
4 कोई भी पुस्तक जिसका एक ही संस्करण हो और प्रतियाँ बहुत कम छपी हो।
आज जिस दुर्लभ पुस्तक का परिचय प्रस्तुत कर रहा हूँ ,उसका नाम है - Le Nabab । आरम्भ में तो इस पुस्तक को कुछ ख़ास ख्याति नहीं मिली थी लेकिन बाद में पुस्तक काफी लोकप्रिय हो गयी थी। इस पुस्तक के प्रथम ओपेरा का मंचन (3 ACT ) 1st सितम्बर 1853 को पेरिस में हुआ और कुल 38 बार इसका मंचन हुआ। इस पुस्तक में भारत और इंग्लैंड के दृश्य हैं। पुस्तकों की दुनिया में पुरानी पुस्तकों के विक्रेता भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इस पुस्तक में ' The Minerva Book Shop , Anarkali , Lahore ' लगी मोहर इस बात की पुष्टि करती है कि कभी न कभी इस पुस्तक की ख़रीद - फ़रोख़्त इस दुकान में हुई होगी।
Name of the Book - Le Nabab
( TOME II )
Writer - ALPHONSE DAUDET
Language - French
Publisher - Iprimerie Nelson , Edimbourg , Ecosse
copyright - Not mentioned
Printed - in England
First Edition - 1877
ISBN - Not mentioned
Size - 4.4 " X 6.5 " ( vest - pocket size )
Pages - 288
Binding - Hardbound
Price - Not Mentioned
Cover Painting - Anonymous
प्रस्तुति - इन्दुकांत आंगिरस
NOTE : लेखक के बारे में अधिक जानकारी के लिए उनका विकिपेज देखें।
पुस्तक में है क्या...उसका भी तो कुछ परिचय मिलता
ReplyDeleteइसमें एक अँगरेज़ी नबाब की कहानी है और भारत की धन -सम्पत्ति को लूटने की ख़ातिर फ्रेंच एवं अंगेज़ों के बीच का संघर्ष दर्शाया गया है।
ReplyDeleteबढ़िया जानकारी
ReplyDeleteअच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद 🙏
ReplyDeleteदुर्लभ पुस्तक की दुर्लभ जानकारी।
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