साहित्य में अनुवाद का बहुत महत्त्व है। जिस तरह हिन्दी भाषा का कुछ साहित्य दूसरी भारतीय भाषाओं के साथ साथ विदेशी भाषाओं में भी अनूदित हो चुका है उसी तरह दूसरी प्रादेशिक भाषाओं एवं विदेशी भाषाओं का अनुवाद हिन्दी भाषा में अनूदित हो चुका है। अनुवाद से दोनों भाषाएँ समृद्ध होती हैं। पाठकों को दूसरी भाषा के साहित्य पढ़ने का अवसर मिलता है और जिन लेखकों की कृतियों का अनुवाद किया जा जाता है उनके साहित्य की चर्चा दूसरी भाषा के साहित्य में भी होने लगती है। हंगेरियन ,विश्व की दुर्लभ और कठिनतम भाषाओं में से एक है। आज जिस पुस्तक का परिचय प्रस्तुत कर रहा हूँ उसका शीर्षक है ' अभिनेता की मृत्यु '। इस संग्रह में बीसवीं शताब्दी की कुछ हंगेरियन कहानियाँ और उपन्यासों के अंश सम्मिलित हैं।
इन हंगेरियन साहित्यिक कहानियों का हिन्दी अनुवाद मूल हंगेरियन भाषा से हिन्दी भाषा में भारतीय हंगेरियन विद्वान एवं हंगेरियन हिन्दी विद्वानों द्वारा किया गया है। इस कहानी संग्रह के अनुवादक हैं सर्वश्री डॉ कोवैश मारगित ,असग़र वजाहत ,नेज्यैशी मारिया , जतिन कौशिक ,इन्दुकांत आंगिरस , इन्दु मज़लदान ओर सुचिता वर्मा ।
पुस्तक का नाम - अभिनेता की मृत्यु
सम्पादक : डॉ कोवैश मारगित ( Dr Köves Margit )
प्रकाशक - नेशनल पब्लिशिंग हाउस , नयी दिल्ली
प्रकाशन वर्ष - प्रथम संस्करण , 2001
कॉपीराइट - सर्वाधिकार सुरक्षित
पृष्ठ - 146
मूल्य -200/ INR ( दो सौ रुपए केवल )
Binding - Hardbound
Size - डिमाई 4.8 " x 7.5 "
ISBN - 81-214-0420-7
मुखपृष्ठ छायाचित्र - Bródy Sándor utca , Budapest by Imre Weber
मूल लेखक
Balázs Béla
Kaffka Margit
Kosztolányi Dezső
Nagy Lajos
Karinthy Frigyes
Fejes Endre
Örkény István
Kertész Imre
Esterházy Péter
Tar Sándor
Szabó Magda
Lány András
Forgács Zsuzsa
Spiró György
प्रस्तुति - इन्दुकांत आंगिरस
उपयोगी जानकारी
ReplyDeleteउत्तम परिचय। जिस प्रकार अनुवादक का नाम देवनागरी में लिखा है उसी प्रकार मूल लेखक का नाम भी देवनागरी में लिखा गया होता तो नाम का सही उच्चारण समझने में आसानी होती।
ReplyDeleteवाह, आप सुझावों पर तत्काल अमल भी करते हैं। यही एक अच्छे और कर्मठ साहित्यकार, अनुवादक व संपादक की निशानी है। 🙏
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