Thursday, July 15, 2021

हंगेरियन कविता Szilveszter का हिन्दी अनुवाद


Szilveszter  - नव वर्ष की पूर्व संध्या 


                  1 

हम दोनों ही गुज़रे साल के ज़ख़्मों में 

दूसरों की देह और ग़मों में जाएं पसर 

गूँथना ,टूटना ,फिर से गूँथना मेरा 

दुखते हैं ज़ख़्म अब तनी हुई रगों पर 

  


                     2

जैसे दूसरी दुनिया से आये इक आवाज़ 

मुबारक नया साल , कहे दूरभाषी साज़  

कही दूर से कोई बुलाए  करीब 

उठ जाये परदा बन जाए नसीब 



                      3

आओ , कभी न मिटने वाली खुशियाँ बटोरे 

आने  वाली सदियों  तक और  इस साल 

रूसी   कैसिनो    की परतों  में  लिपटा

दुखों को भगाता , आया झूमता नया साल 


A jó és  az Igaz - सत्य और सुंदरता 

 

 

किसी  अनंत में झिलमिलाते दो चेहरे 

सत्य और सुंदरता , कहो  कौन - सा तुम्हारा 

धार्मिक चादर पर रसोई चाकू की छाप

और सच का भगवान भरता गहरी साँस

 

 

एक चेहरे पर है दौलत की धमक 

दूसरी राह पर वही पुराना रहस्यमय

दिल को कभी न भाने वाला इक़रार 

पति मूँदता है पलक , पत्नी खोलती है पलक  



कवि - Tőzsér Árpád 

जन्म - 6th October' 1935


अनुवादक - इन्दुकांत आंगिरस 


5 comments:

  1. बहुत ही सुंदर रचना है
    इससे अधिक नही कहना है ,
    प्रेम से बढकर कुछ भी नहीं होता ,
    यही राही राज़ का कहना है ।

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  2. बहुत सुंदर भावप्रवण कविताएं

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  3. बहुत बढ़िया👌

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  4. सुन्दर अनुवाद

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