समाज में रहते हुए हमे अक्सर दूसरे लोगों से मिलना पड़ता है। नये दोस्त ,सहपाठी , सहकर्मचारी , नये रिश्तेदार आदि। पहली मुलाक़ात में हम सभी एक दूसरे को अपना परिचय देते हैं। ज़िंदगी के सफ़र पर आगे बढ़ते बढ़ते बहुत से साथी पीछे छूट जाते हैं और नये साथी हमारी ज़िंदगी से जुड़ जाते हैं। कुछ बिछड़े साथी कभी कभी हमारी यादों में आते हैं तो कभी नहीं। अँगरेज़ी में एक कहावत है कि Out of sight is out of mind यानी आँखों से ओझल हुए तो यादों से भी ओझल हुए या यूँ समझ लीजिए कि जो दिखता है वही याद रहता है।
पुस्तकों की दुनिया भी हमारी ज़िंदगी की तरह ही होती हैं। आज मीडिया और ऑनलाइन पुब्लिकेशन्स के दौर में वैसे भी पुस्तकों का प्रकाशन काफ़ी कम हो गया है और पुस्तकों के पाठक भी पहले की तुलना में काफ़ी कम हो गए हैं , विशेषरूप से साहित्यिक पुस्तकों के पाठक । इसी विचार को मद्देनज़र रखते हुए मैंने सोचा कि पुरानी पुस्तकों से पाठकों को अवगत कराया जाये। इसीलिए " पुस्तक परिचय " स्तम्भ के अंतर्गत मैं पाठकों का परिचय साहित्य , कला व संस्कृति की पुस्तकों से कराता रहूँगा। यह मात्र पुस्तक परिचय होगा जिसमे पुस्तक की संक्षिप्त जानकारी दी जायेगी। "पुस्तक परिचय " स्तम्भ के अंतर्गत आज की पुस्तक है - क्षितिज की दहलीज़ पर ।
" क्षितिज की दहलीज़ पर " एक साझा कविता संग्रह है जिसका सम्पादन अनिल वर्मा 'मीत ' एवं सुभाष प्रेमी ' सुमन ' ने किया है। इस संग्रह में दोनों सम्पादकों को मिला कर कुल 16 रचनाकारों की रचनाएँ सम्मिलित हैं। पुस्तक की भूमिका डॉ रणजीत साहा ने लिखी है एवं फ्लैप पर प्रसिद्ध कवि जगदीश चतुर्वेदी के शब्द पुष्प दर्ज़ हैं। पुस्तक का आवरण हरिपाल त्यागी द्वारा चित्रित किया गया है। पुस्तक " युवा ओज को ,युवा सोच को ' समर्पित की गयी है। इस पुस्तक में सभी छंद मुक्त कविताएँ हैं।
क्षितिज की दहलीज़ पर - साझा कविता संग्रह
प्रकाशक - कलादृष्टि प्रकाशन , दिल्ली
बॉन्डिंग - सजिल्द
पृष्ठ - 160
Size - Dimai - 14 " x 22 "
प्रथम संस्करण - 1998
मूल्य - 150/
ISBN- NIL
Copyright -अनिल वर्मा ' मीत '
पुस्तक में संकलित 16 रचनाकारों के नाम :
इन्दुकांत आंगिरस
रमेश कुमाउनी
प्रकाश टाटा
राजीव शर्मा
नरेंद्र आहूजा
वीना पांडेय
शिवन लाल
भविष्य कुमार सिन्हा
सुदर्शन शर्मा
रविंदर गोयल ' रवि '
दुलीचंद ' निशांत '
नमिता राकेश
नीरजा बहल
रविंद्र शर्मा 'रवि '
सुभाष प्रेमी ' सुमन '
अनिल वर्मा ' मीत '
प्रस्तुति - इन्दुकांत आंगिरस
सभी मित्रों को हार्दिक बधाई
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