Friday, December 24, 2021

पुस्तक परिचय - त्सीगानी ( जिप्सी )







 इतिहास ने इस बात को स्वीकारा है जिप्सी लोग हज़ारो साल पहले भारत से पलायन होकर अमेरिका एवं यूरोपियन देशों में बस गए थे। जिप्सियों का जीवन हम सभी के लिए कौतुहल का विषय रहा है। रूसी कवि  Alexander Sergeyevich Pushkin द्वारा रचित जिप्सी कविता में जिप्सियों की जीवन शैली के अनेक पहलुओं को उजागर किया गया हैं। 


रूस के महान कवि Alexander Sergeyevich Pushkin की कविताओं का संग्रह जिप्सी  पहली बार मूल रूसी भाषा से हिन्दी में वीर राजेंद्र ऋषि द्वारा अनुदित है , इससे पूर्व रूसी साहित्य का अनुवाद अँगरेज़ी भाषा के माध्यम से ही हुआ है।  इस पुस्तक की प्रस्तावना प्रमथ नाथ बनर्जी , तत्कालीन अध्यक्ष , विदेशी भाषा विद्यालय , रक्षा मंत्रालय , भारत सरकार द्वारा लिखी गयी है। पुस्तक, लेखक द्वारा उनके रूसी गुरु ब्लादिमीर  अनातोलेविच शिबायेव को समर्पित है। यह पुस्तक इसलिए भी विशिष्ट बन पड़ी है क्योंकि इसमें हिन्दी अनुवाद के साथ साथ रूसी  मूलपाठ भी देवनागरी लिपि में दिया गया है। पुस्तक के आरम्भ में पुश्किन और उनके काव्य का संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है।ऊपर तस्वीर में दी गए जिप्सी कविता के अनुवाद की क्रमश: चंद और पंक्तियाँ   प्रस्तुत है , ऊपर चित्र में दी गयी पंक्तियों से आगे पढ़ें -


परिवार सब चारो और बैठा खाना पका रहा है 

खुले मैदान में  चर  रहे हैं घोड़े ,

ख़ेमों के पीछे पालतू रीछ स्वछंद लेटा हुआ है ,

कण कण सजीव हो उठा है मैदान का। 

और वे सांसारिक चिंताएँ कुटुम्ब की ,

जो प्रातः ही तैयार होगा अग्रिम लघुयात्रा हित ,

और गीत स्त्रियों के , और चीख़ बच्चों की ,

और शब्द सफ़री निहाई का। 



पुस्तक का नाम -     जिप्सी 

                     ( कविता संग्रह )


मूल लेखक -  Alexander Sergeyevich Pushkin 


अनुवादक -   वीर राजेंद्र ऋषि 

Copyright -  Alexander Sergeyevich Pushkin

( Not mentioned in book )

Language - हिन्दी 

प्रकाशक - आत्माराम & संस 

प्रकाशन वर्ष - प्रथम संस्करण ,1955

पृष्ठ - 78

मूल्य - 2/ INR  (दो    रुपए केवल )

Binding -  हार्डबाउंड 

Size -  4" x 6 "

ISBN - Not Mentioned



Alexander Sergeyevich Pushkin 

जन्म -  6th June  , 1799. Moscow 

निधन - 10th February  ,1837 . Saint Petersburg 




प्रस्तुति - इन्दुकांत आंगिरस 


NOTE : Alexander Sergeyevich Pushkin  के बारे में अधिक जानकारी के लिए उनका विकी पेज देखें। 

1 comment:

  1. पुष्किन व राजेंद्र ऋषि को नमन।

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