मित्रों नमस्कार
रदीफ काफिये के साथ चिपकी होनी चाहिये। मिसरे में अगर रदीफ अलग थलग लगे मतलब ऐसा लगे कि रदीफ जबरदस्ती चश्पा किया गया है तो रदीफ का वहां कोई औचित्य नहीं। रदीफ सार्थक है या नहीं इसका सरल पहचान है कि रदीफ को हटाने के बाद यदि शेष बचा अंश अपने आप में वाक्य पूर्ण हो रदीफ बेकार जबरदस्ती वहां फिट किया गया लगता है। उदाहरण के लिये -
आप जो हमसे दूर गये
दिल से हम मजबूर गये
आप न थे तो क्या थे हम
आपसे मिल मशहूर गये
स्पष्ट है रदीफ काफिये का प्रयोग नियमानुसार किया गया है परन्तु पहली पंक्ति में ही रदीफ चश्पा हुई है और बाकी में पंक्ति में नहीं। आप खुद सोचिए
मजबूर गये, मशहूर गये में दोनों में मतलब मजबूर के साथ गये जोड़ने का और मशहूर के साथ गये जोड़ने का क्या मतलब निकलता है। क्या आपको नहीं लगता कि यह गये शब्द को जबरदस्ती ठूसा गया है।
इसको ऐसा करके देखें
आप जो हमसे दूर हुये
दिल से हम मजबूर हुये
आप न थे तो क्या थे हम
आपसे मिल मशहूर हुये
और दोनों में फर्क महसूस करें।
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