Monday, June 7, 2021

योझेफ़ उतकिन की रूसी कविता का हिन्दी अनुवाद

 

अगर इतिहास के पन्ने पलटे तो हमे विश्व के अनेक युद्वों में ऐसे उद्धरण मिल जायेंगे जहाँ कवि और लेखक युद्ध में लड़ते हुए शहीद हो गए । 

दूसरे विश्वयुद्ध १९४१-४५ के दौरान रूसी सैनिको के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। रूसी लेखकों ने युद्ध में सक्रीय भाग लिया और युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए।  बहुत से पत्रकार भी शहीद हो गए। दूसरे विश्वयुद्ध के साहित्यिक दस्तावेज़ों के पन्ने अगर पलटे तो हमें सबसे पहले निबंध , लघु कहानियाँ , कविताएँ , उपन्यास और नाटक देखने को मिलेंगे। 

परिचय साहित्य परिषद् , दिल्ली एवं  रूसी सांस्कृतिक केंद्र के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित  इन रूसी शहीदों को समर्पित एक साहित्यिक गोष्ठी में रूसी कवि योझेफ़ उतकिन की रूसी कविता का मेरे द्वारा किया गया  अँगरेज़ी माध्यम से हिन्दी अनुवाद देखें -


Handkerchief -रुमाल 


विदाई की निशानी के बीच दबा मेरा पवित्र प्रेम 

मेरे हाथ में दबा एक सफ़ेद रुमाल 

जिसे ,ताज़ा बहते ख़ून को रोकने के लिए 

मैं अपने खुले ज़ख़्म पर रखता हूँ 


उसका , विदाई का वो छोटा - सा उपहार 

अब गर्म ,लाल और गीला है 

लेकिन उसके पीछे छिपे प्रेम ने 

मेरे दर्द को राहत दी है और ख़ून को रोका है 


हमारी ख़ुशी के लिए मैंने मौत को हराया 

दुश्मन का सामना किया ,कभी हार नहीं मानी 

गो मेरे ख़ून ने उस रुमाल को मैला  कर दिया है 

फ़िर भी मैंने उसका अपमान नहीं किया है। 


कवि - योझेफ़ उतकिन


अनुवादक - इन्दुकांत आंगिरस 

योझेफ़ उतकिन की एक दूसरी कविता का अधूरा अनुवाद )

तुम मुझे एक ख़त लिख रही हो 


बहार आधी रात है और मोमबत्ती की लौ बुझने को है 

तारे ऊपर आकाश में चमक रहे हैं 

तुम मुझे एक ख़त लिख रही हो , और उसे तुम 

एक दूर दराज युद्ध के शहर में 

1 comment:

  1. बहुत ही सुंदर रचना है
    जब तलक जीना है
    बड़े ही शान से जीना है ।
    राही राज़

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