घर में पुराने काग़ज़ टटोलते हुए अचानक मिल गया Mihály Babits की हंगेरियन कविता का हिन्दी अनुवाद ।
प्रस्तुत है मेरे द्वारा किया गया पहली हंगेरियन कविता का हिन्दी अनुवाद -
शून्य से एक नया संसार बनाया है मैंने
अंतरिक्ष में क़ैद किया मस्तिष्क हमारा ईश्वर ने
एक बंदी बना दिया मस्तिष्क हमारा ईश्वर ने
उड़ना तो अब दूर इन घिनोने लालची परों का
छूना दूभर होगा अंतरिक्ष की सुनहरी हदों का
उन्मुक्त विचारों के पक्षी को आधार बनाया है मैंने
जिसने बदल करवट झाँका पिंजरे के जाले से
शून्य से फिर एक नया संसार बनाया है मैंने
जैसे बन जाये रस्सी कोई क़ैदी मकड़ जाले से
ज़िंदगी के इन छोटे छोटे आयामों से उठ कर
अपनी दृष्टि का अलग क्षितिज नया गढ़ कर
तोड़ दी सब सीमाएँ अब स्वयं राजा बन कर
देखो इयूक्लिदिश !
असंभव पर संभव की विजय पताका
तुम्हारे द्वारा निर्मित सलाखों को तोड़ कर
सुनो इयूक्लिदिश,
साथ साथ मेरा और ईश्वर का हँसना
धूम - धड़ाका।
कवि - Mihály Babits
जन्म - 26 November ' 1883 . Szekszárd
निधन - 04 August ' 1941 . Budapest
अनुवादक - इन्दुकांत आंगिरस
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