दोस्तो नमस्कार ।
बहुत दिन बाद आप सबसे मुलाकात हो रही है।
इस मिसरे पर ग़ज़ल कहने की कोशिश करें
'जलाओ ऐसा दिया तीरगी मिटा दे जो'
बह्र है
मुफाइलुन फइलातुन मुफाइलुन फैलुन
1212 1122 1212 112/22
रदीफ़ है - दे जो
क़ाफिया आ की मात्रा। जैसे
पता ,बुझा, हवा, लिखा, सुना, दवा, नशा, जला, दिखा, कटा, बना, दग़ा ,हटा, आसरा, आदि। कोशिश करें दस दिन में ग़ज़ल हो जाये।
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