A farkas - tanya - लोमड़ियों का फ़ार्महाउस
प्राचीन समय की बात है। दूर बहुत दूर सात समुन्दर पार एक अंडा रहता था। यह अंडा दुनिया की सैर को निकल पड़ा। लुढ़कते लुढ़कते एक बार उसकी मुलाक़ात एक बतख से हुई।
- अंडे भाई , कहाँ जा रहे हो ? - बतख ने उससे पूछा।
- दुनिया की सैर करने जा रहा हूँ।
- मैं भी चलती हूँ , साथ साथ घूमेंगे।
चलते गए , चलते गए, चलते चलते उन्हें एक मुर्गा मिला।
- तुम सब कहाँ जा रहें हो , बतख बहिन ?
- हम दुनिया की सैर करने जा रहें हैं।
- मैं भी चलता हूँ , साथ साथ घूमेंगे।
चलते गए , चलते गए, चलते चलते उन्हें एक सुई मिली।
- तुम सब कहाँ जा रहें हो , मुर्गे भाई ? सुई ने पूछा।
- हम दुनिया की सैर करने जा रहें हैं।
- मैं भी चलती हूँ , साथ साथ घूमेंगे।
चलते गए , चलते गए, चलते चलते उन्हें एक केकड़ा मिला ।
तुम सब कहाँ जा रहें हो , सुई बहन ? केकड़े ने पूछा।
- हम दुनिया की सैर करने जा रहें हैं।
- मैं भी चलता हूँ , साथ साथ घूमेंगे।
इसी तरह चलते चलते उन्हें सफ़र में एक घोडा और फ़िर एक बैल मिला। एक बार चलते चलते रात हो गयी।
वहाँ एक छोटा मकान था , वे सब उसी में घुस गए। सब अपनी अपनी जगह पर लेट गए। अंडा बुझी आग की राख पर ही लेट गया। बतख और मुर्गा चूल्हे की चिमनी के ऊपर लेट गए। केकड़े ने पानी के टब में छलांग लगा दी। सुई ने ख़ुद को तौलिये में टाँक लिया। घोडा घर के बीचो - बीच पसर गया और बैल ड्योढ़ी पर।
एक बार वहाँ १२ लोमड़ी आई , यह घर उन्हीं का था। एक बुजुर्ग लोमड़ी ने दूर से ही चिल्लाना शुरू कर दिया -
मकान से अजीब गंध आ रही है , घर में पहले कौन घुसेगा ? उन्हीं में एक बहादुर लोमड़ी थी, उसने कहा कि वह जाएगी घर के अंदर ,चाहे घर में हज़ार राक्षस हो , वह किसी से नहीं डरती।
बहादुर लोमड़ी घर में घुस गयी। सबसे पहले वह लालटेन जलाने के लिए चूल्हे की चिमनी पर माचिस ढूँढने लगी लेकिन बतख और मुर्गे ने शोर मचाना शुरू कर दिया। तब वह राख में जलते कोयले ढूँढने लगी लेकिन वहाँ लेटा अंडा भयानक आवाज़ के साथ फूट पड़ा। लोमड़ी ख़ुद को धोने के लिए पानी के टब की और दौड़ी लेकिन वहाँ केकड़े ने अपने कैंचीनुमा डंको से उसे डंक मार दिया । वह घबराहट में घर के बीच में भागी लेकिन वहाँ लेटे घोड़े ने उसे अपनी लात से मारा। लोमड़ी जैसे ही बाहर की ओर दौड़ी तो वह बैल से टकरा गयी ओर बैल ने उसे अपने सींगों से उठा कर बाहर आँगन में फेंक डाला। लोमड़ी इस सब से घबरा कर यूँ चिल्लाने लगी जैसे पेड़ में फँसे कीड़े चिल्लाते हैं , वह बाकी लोमड़ियों की तरफ़ भागी।
- भागो , जल्दी भागो यहाँ से , अंदर बहुत सारे राक्षस हैं। ये सब लोमड़ियाँ तभी से आज तक भाग ही रही हैं अगर अभी तक रुकी ने हो तो।
अनुवादक - इन्दुकांत आंगिरस
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