Monday, November 27, 2023

लघुकथा - अकेले में.....


 अकेले में.....


नगर के प्रतिष्ठित हिन्दी समाचार पत्र के सम्पादक के निमंत्रण पर समाचार पत्र के परिसर में ही काव्य - गोष्ठी का आयोजन था ।  सभी आमंत्रित कवि स्वयं को गौरान्वित अनुभव कर रहे थे। काव्य - गोष्ठी  के बाद जलपान , गपशप और फिर विदाई का वक़्त। सम्पादक से विदा लेते वक़्त खुले बालों वाली उस युवा कवियत्री ने संपादक से हाथ मिलाते हुए कहा था - " मुझे ,आप से अकेले में कुछ बात करनी थी "। शेष कवि अख़बार के दफ़्तर का ज़ीना उतरने लगे  और सम्पादक युवा कवियत्री को अपने निजी कमरे में ले गया । 

उस वक़्त मेरे लिए भी इस बात का अन्दाज़ा लगाना मुश्किल था कि कवियत्री ने अकेले में संपादक से क्या बात करी होगी  लेकिन  अगली सुबह अख़बार के मुखपृष्ठ पर उसी युवा कवियत्री की खिलखिलाती तस्वीर और उनकी लम्बी कहानी " अकेले में ..." के  प्रकाशन ने उस बंद कमरे की गुफ़्तगू को परत दर  परत खोल दिया था। 


लेखक - इन्दुकांत आंगिरस